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जपुर के जीवन्त शहर में होली के त्योहार के दोरान हवा रंगों और उल्लास से भरी हुई थी.
मौजमस्ती करने वालों में मीना भी थी, जो एक 28 वर्षिय भारतीय भावी थी, एक विवाहित महिला, जिसका पती व्यवसाय के लिए बाहर गया हुआ था.
मीना अपनी आकरशक विशेष्टाओं के लिए जानी जाती थी, उसकी गहरी, बादाम के आकार के आखें, उसके लम्बे, काले बाल, और उसका सुधल शरीर जो उसकी पारम परिक्सारी से और भी निखर कर सामने आता था.
वह अपनी बालकनी में खड़ी होकर उत्सव देख रही थी, तबही उसने एक लुवक राहूल को देखा, जो 26 वर्षिय था, जो पडोस में नया आया था. उसके सुधर छेहरे और मांसल शरीर ने उसका ध्यान कीजा.
होली मुबारक! राहूल ने पुकारा, उसकी आवाज गर्मजोशी और आमंत्रन से भरी हुई थी. होली मुबारक! मीना ने जवाब दिया, उसके होठों पर मुस्कान थी. अगले कुछ दिनों में, राहूल उसके घर आता जाता रहता, हमेशा एक आकरशक मुस्कान के साथ